कोयल से मीठी बोली तेरी बोली
उर्वशी सी सूरत है
वक्त पड़े दुर्गा बन जाती
देवी की तू मूरत है
सरस्वती सी ज्ञानी है तु
लक्ष्मी सी वैभवी
माता है तु गौरी जैसी
प्रेमिका तु राधा सी
त्याग का दूजा नाम है तेरा
दुनिया तेरी आभारी है
सबसे ऊंचा स्थान है तेरा
भूल नहीं तु नारी है।।
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